भोपाल । रिमझिम फुहारों से देश के पूरे हिस्से को भिगोने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 15 अक्टूबर की सामान्य तिथि के एक दिन बाद यानी गुरुवार को पूरे देश से वापस चला गया। हालांकि इसके बाद भी मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में अगले एक-दो दिन बारिश होने की संभावना बनी हुई है। इस दौरान मौसम विभाग ने गुरुवार (16 अक्तूबर) को प्रदेश के नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांढुर्णा जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए यहां मध्यम बारिश होने या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है। इसके अलावा मौसम विभाग ने प्रदेश के बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और पांढुर्णा जिलों में गुरुवार को कहीं-कहीं आंधी आने व बिजली गिरने की चेतावनी दी है।
गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों के मौसम की बात करें तो इस दौरान प्रदेश के जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। बुधवार को सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस नर्मदापुरम में दर्ज किया गया, वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस खंडवा में दर्ज किया गया। बीते दिन प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई बारिश के आंकड़े इस तरह रहे, इस दौरान उमरेठ में सबसे ज्यादा 33.4 मिमी, परासिया में 25.3 मिमी, छिंदवाड़ा में 1.8 मिमी और जुनारदेव में 1.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
अगले कुछ घंटों के लिए इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के दौरान प्रदेश के बड़वानी, खरगोन, बैतूल और छिंदवाड़ा जिलों में मध्यम से तेज बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान इन जिलों में 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है। इसके अलावा विभाग ने प्रदेश के विदिशा, उज्जैन, धार, इंदौर, देवास, सीहोर, खंडवा और सिवनी जिलों के लिए मध्यम बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही यहां 40 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा भी चल सकती है। विभाग ने यह अलर्ट गुरुवार रात तक के लिए जारी किया है।
सिनोटिक मौसमी परिस्थितियां
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 16 अक्टूबर 2025 को पूरे देश से वापस लौट गया है। इसके साथ ही उत्तर-पूर्व मॉनसूनी वर्षा गतिविधि भी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल-माहे क्षेत्र में प्रारंभ हो गई है। दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र की ऊपरी हवा में चक्रवातीय परिसंचरण विद्यमान है, जो समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। इसके प्रभाव से 19 अक्टूबर 2025 के आसपास केरल-कर्नाटक तटों के समीप दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। मॉनसून आमतौर पर एक जून तक केरल में प्रवेश करता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापस जाना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से चला जाता है। हालांकि इस बार वह एक दिन देरी से गया है।
