भोपाल । रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के खिलाफ लोकायुक्त की छापेमारी गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। अब तक की जांच में उनकी कुल 20 करोड़ 24 लाख 55 हजार 169 रुपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हो चुका है। अधिकारियों के अनुसार यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि चार बैंक लॉकर अभी खोले जाने बाकी हैं, जिन्हें दीपावली के बाद आरोपी की मौजूदगी में खोला जाएगा।
लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ है कि भदौरिया और उनके परिवार के बैंक खातों में करीब 1.26 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके अलावा करीब 21 बीमा पॉलिसियां भी मिली हैं, जिनमें से 13,90,648 रुपये की किस्तें भरी गई हैं। डीएसपी सुनील तालान के अनुसार, आरोपी की पत्नी के नाम पर बैंक ऑफ बड़ौदा में एक लॉकर मिला है। कुल चार लॉकर विभिन्न बैंकों में हैं, जिन्हें फिलहाल फ्रीज करा दिया गया है।
भदौरिया के बेटे सूर्यांश भदौरिया की आर्थिक गतिविधियों पर भी लोकायुक्त की नजर है। जांच में सामने आया है कि वह ‘शिवा चाइनीज वोक’ नामक एक फूड फ्रेंचाइजी में विशाल पंवार के साथ साझेदार है। इसके अलावा विजयनगर और अन्नपूर्णा क्षेत्र की दुकानों में उसकी 40% हिस्सेदारी है। सूर्यांश ने इस हिस्सेदारी के एवज में 25 लाख रुपये निवेश किए थे।
बुधवार को लोकायुक्त टीम ने इंदौर के पलासिया स्थित कैलाश कुंज में भदौरिया के निवास समेत ग्वालियर और अन्य करीब आठ ठिकानों पर सर्चिंग की थी। इसके अलावा मानपुर इलाके में एक फार्महाउस की जानकारी मिलने पर वहां भी टीम भेजी गई, जो जांच में किसी रिश्तेदार के नाम पर निकला। वहां एक शराब कंपनी का ऑफिस भी संचालित हो रहा था, जिसकी जांच जारी है।
इतना ही नहीं, भदौरिया के बेटे और बेटी द्वारा एक व्यक्ति जितेंद्र चौधरी को लगभग पौने तीन करोड़ रुपये उधार देने की जानकारी भी सामने आई है। वहीं, एक निजी टाउनशिप में बेटे के नाम पर एक बड़े बंगले का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी गाइडलाइन के अनुसार कीमत 3.36 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इस संपत्ति की जांच अब लोक निर्माण विभाग (PWD) से भी कराई जाएगी।
लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने न केवल प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की गंभीरता को भी उजागर किया है। जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते हैं
