भोपाल/ बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए एनडीए ने बड़ा दांव चल दिया है। रणनीति के तहत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और ओबीसी समुदाय से आने वाले डॉ. मोहन यादव को बिहार की 20 से अधिक ओबीसी बहुल सीटों पर चुनाव प्रचार में उतारा जाएगा। गुरुवार को इसकी शुरुआत पटना महानगर सीट से हुई, जहां उन्होंने एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में रैली की और जनसभाएं संबोधित कीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को भी सीएम मोहन यादव बिहार में रहेंगे और नवादा जिले की दो सीटों पर प्रचार करेंगे। यह अभियान ओबीसी समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है।
ओबीसी चेहरे के तौर पर मोहन यादव की अहम भूमिका
भाजपा का फोकस इस बार सामाजिक समीकरणों को मजबूत करने पर है। विशेष रूप से ओबीसी वर्ग को टारगेट किया जा रहा है, जो बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि विभिन्न राज्यों के लोकप्रिय ओबीसी चेहरों को प्रचार अभियान में शामिल किया जा रहा है, जिनमें डॉ. मोहन यादव एक प्रमुख चेहरा हैं। यूपी लोकसभा चुनाव में उनके प्रचार से पार्टी को अच्छा लाभ मिला था, और अब यही रणनीति बिहार में भी अपनाई जा रही है।
“कांग्रेस ने बिहार को बर्बाद किया”: मोहन यादव
पटना की एक जनसभा में बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बिहार को बर्बाद किया। 2004 से पहले राज्य में डकैतों और जंगलराज का बोलबाला था। कांग्रेस के कुशासन, लाइसेंस-कोटा-परमिट राज ने न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश को पीछे धकेल दिया।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने सेना, लोकतंत्र और भगवान राम तक का अपमान किया है, जबकि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में हुए विकास की भी सराहना की।
आगामी प्रचार अभियान
एनडीए की रणनीति के तहत डॉ. मोहन यादव आने वाले दिनों में बिहार के अलग-अलग जिलों में रैलियां करेंगे, खासकर उन सीटों पर जहां ओबीसी मतदाता बड़ी संख्या में हैं। पार्टी को उम्मीद है कि उनका चेहरा बिहार में ओबीसी वर्ग के बीच भाजपा के प्रति विश्वास को और मजबूत करेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह दांव चुनावी नतीजों पर असर डाल सकता है, क्योंकि ओबीसी समुदाय बिहार में एक बड़ा वोट बैंक है, जिसे लुभाने की कोशिश सभी दल कर रहे हैं।
