नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गगनयान मिशन की तैयारियों में जबरदस्त प्रगति की जानकारी दी है। इसरो के प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को घोषणा की कि भारत के स्वदेशी मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान की लगभग 90% तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल के अंत तक पहला बिना मानव वाला अनक्रूड मिशन लॉन्च किया जाएगा, जो मिशन की सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
डॉ. नारायणन ने बताया कि इस अनक्रूड मिशन की सफलता के बाद ही दो और बिना मानव वाले मिशन भेजे जाएंगे। इन मिशनों की सफलता के बाद ही मानवयुक्त मिशन को अंजाम दिया जाएगा, जिसमें तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री लगभग तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में जाएंगे। इस मिशन के लिए लॉन्च वाहन GSLV Mk III (LVM3) का उपयोग किया जाएगा। मानवयुक्त मिशन की संभावना 2025 में है।
इसरो प्रमुख ने वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा, “यह मिशन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और जटिल है, जहां मानव सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि हम स्वदेशी तकनीक से विश्वस्तरीय अंतरिक्ष मिशन को सफल बनाएं।”
ISS यात्रा से मिली महत्वपूर्ण जानकारी
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के अनुभव गगनयान मिशन के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। इस यात्रा से प्राप्त ज्ञान और सीख मिशन की सफलता की नींव मजबूत करेंगे।
ESTIC कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री मोदी करेंगे उद्घाटन
इसरो प्रमुख ने बताया कि 3 से 5 नवंबर तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में ESTIC (Space Technology and Innovation Conclave) का आयोजन होगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के स्पेस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी बढ़ाना और नए नवाचारों को प्रोत्साहित करना है।
चंद्रयान-4 मिशन भी प्रगति पर
विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) के निदेशक डॉ. राजराजन ने बताया कि गगनयान के साथ-साथ चंद्रयान-4 मिशन पर भी तेजी से काम चल रहा है। चंद्रयान-4 मिशन चंद्रमा की सतह से नमूने पृथ्वी पर लाने वाला भारत का पहला प्रयास होगा, जो देश के अंतरिक्ष इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा।
गगनयान मिशन के मुख्य तथ्य
मिशन का नाम: गगनयान
उद्देश्य: भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन
अंतरिक्ष यात्री: 3 भारतीय
मिशन अवधि: लगभग 3 दिन
लॉन्च वाहन: GSLV Mk III (LVM3)
मानवयुक्त उड़ान: 2025 में संभावित
भारत का यह मिशन न केवल तकनीकी और वैज्ञानिक ताकत का प्रतीक होगा, बल्कि देश को दुनिया के उन चुनिंदा राष्ट्रों की सूची में शामिल करेगा जो स्वदेशी रॉकेट से अपने अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में भेजते हैं।
