नई दिल्ली । नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने रूसी समकक्ष वलादिमीर पुतिन के साथ आगामी बैठक रद्द करने के दावे पर क्रेमलिन ने रविवार को जवाब दिया। क्रेमलिन की तरफ से स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रपति पुतिन “सिर्फ किसी से मिलने के लिए नहीं मिलते” और बैठक रद्द होने की खबर गलत है।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन अपना समय बर्बाद नहीं कर सकते। दोनों देशों के बीच बेहतर समझौता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने विदेश मंत्री लावरोव और अमेरिकी सांसद रुबियो को बैठक करने और प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।”
पेसकोव ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी आपत्ति जताई। उनका कहना था, “रूस सभी देशों के साथ दोस्ताना संबंध बनाए रखना चाहता है। हाल ही में अमेरिका द्वारा जो फैसले लिए गए हैं, वे हमारे लिए बिल्कुल सामान्य नहीं हैं और गलत हैं।”
उन्होंने कहा कि रूस अपने हितों को ध्यान में रखते हुए अमेरिका समेत सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है। पेसकोव ने यह भी कहा कि अमेरिकी प्रशासन के हालिया कदमों ने दो देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने के प्रयासों को प्रभावित किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रूस अपनी आकांक्षाओं को त्याग देगा।
आपको बता दें कि ट्रंप और पुतिन पहले मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन ट्रंप के अनुसार, उन्हें लगा कि पुतिन पूरी तरह ईमानदार नहीं थे। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन ने रोसनेफ्ट ऑयल कंपनी और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिकी वित्त विभाग के अनुसार, इन प्रतिबंधों का मकसद रूस की प्रमुख तेल कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
इन प्रतिबंधों के चलते वैश्विक तेल की कीमतों में तेजी देखी गई है और रूस के प्रमुख कच्चे तेल खरीदार नए विकल्प तलाशने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार और ऊर्जा विशेषज्ञ इस स्थिति को करीब से देख रहे हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव का सीधा असर वैश्विक तेल आपूर्ति और कीमतों पर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका और रूस के बीच जारी कूटनीतिक गतिरोध का समाधान भविष्य के वैश्विक आर्थिक और ऊर्जा परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
