नई दिल्ली । पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कतर के मध्यस्थता प्रयासों के बावजूद सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। पाकिस्तान की सेना ने रविवार को दावा किया कि डूरंड लाइन पर सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में पांच पाकिस्तानी सैनिक शहीद हो गए और 25 आतंकवादी ढेर किए गए। सेना के अनुसार, ये आतंकवादी अफगानिस्तान से पाकिस्तान के कुर्रम और उत्तरी वजीरिस्तान जिलों में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे।
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि सीमा पार से लगातार हो रही घुसपैठ और हमलों से यह स्पष्ट होता है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार आतंकवाद के खिलाफ गंभीर नहीं है। अफगान सरकार ने पहले अपने क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होने देने का आश्वासन दिया था, लेकिन हालिया घटनाओं ने इस वादे को संदेह के घेरे में डाल दिया है।
हालांकि कतर की मध्यस्थता में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले चरण में सीजफायर पर सहमति बन गई थी, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। शनिवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी थी कि अगर अफगानिस्तान इंस्तांबुल में वार्ता में किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंचता है, तो पाकिस्तान खुले युद्ध के लिए तैयार है। तालिबान की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
तालिबान का दावा है कि वह किसी भी आतंकी संगठन को अपनी जमीन पर पनाह नहीं देता। इसके बावजूद, पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की, जिसे अफगान अधिकारियों ने अपनी संप्रभुता पर हमला बताया। पहले चरण की वार्ता दोहा में हुई थी और अब दोनों देशों के प्रतिनिधि इंस्तांबुल में वार्ता कर रहे हैं। पाकिस्तान की दूसरी एयरस्ट्राइक में कई अफगान नागरिक मारे गए, जिनमें तीन क्रिकेटर भी शामिल थे। इस कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हुई।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुआलालंपुर में आयोजित आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को जल्द सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। ट्रंप ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर की प्रशंसा करते हुए उन्हें “महान व्यक्ति” करार दिया। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं को जानते हुए, वह आश्वस्त हैं कि जल्द ही दोनों देशों के बीच शांति स्थापित की जा सकेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इंस्तांबुल में चल रही वार्ता पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव को कम करने का महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन सीमा पर जारी हिंसा और एयरस्ट्राइक ने वार्ता की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस वार्ता पर टिक गई हैं कि क्या दोनों देश वास्तविक शांति समझौते की ओर बढ़ेंगे या फिर सीमा पर तनाव और हिंसा बनी रहेगी।
