उज्जैन। उज्जैन की जनसुनवाई में मंगलवार को एक भावुक मामला सामने आया, जहाँ एक बेटी अपनी 41 साल से भारत में रह रही माँ को भारतीय नागरिकता दिलाने के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंची। पाकिस्तान के पेशावर की रहने वाली रुखसाना कुरैशी ने 1984 में उज्जैन निवासी हाफिज कुरैशी से शादी की थी, लेकिन चार दशक बीत जाने के बावजूद उन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिल पाई है।
पति की मृत्यु के बाद बढ़ा संकट
रुखसाना के लिए नागरिकता का संकट उनके पति की मृत्यु के बाद और गहरा गया है:
शादी के बाद से ही रुखसाना लॉन्ग टाइम वीज़ा पर भारत में रह रही थीं।
नागरिकता न मिलने के कारण उन्हें हर दो साल में अपने रेसिडेंटल परमिट को रिन्यू कराने के लिए एसपी ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
तीन साल पहले पति की मौत हो चुकी है, और अब उनका पाकिस्तानी पासपोर्ट भी अप्रैल में समाप्त होने वाला है, जिसके बाद उनका भारत में कानूनी रूप से रहना मुश्किल हो जाएगा।
कलेक्टर ऑफिस में गुहार
रुखसाना और उनकी बेटी सबा कुरैशी पिछले करीब एक साल से नागरिकता के लिए लगातार कलेक्टर ऑफिस के चक्कर लगा रही हैं।
मंगलवार को जनसुनवाई में अपनी पीड़ा सुनाने के बाद उन्हें एडीएम कार्यालय भेज दिया गया है, जहाँ वे उम्मीद कर रही हैं कि जटिल कानूनी प्रक्रिया अब जल्द पूरी होगी और उन्हें उनका अधिकार मिल पाएगा।
यह मामला भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की लंबी और थका देने वाली प्रक्रिया को दर्शाता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो दशकों पहले विवाह करके यहाँ आईं थीं।
