भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हाल ही में किए गए दूसरे सफल हृदय प्रत्यारोपण पर चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि न केवल एम्स की चिकित्सा टीम की उत्कृष्टता का प्रमाण है, बल्कि यह मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के स्तर में निरंतर सुधार का भी संकेत देती है।
डॉ. यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस सफलता को साझा करते हुए कहा कि अंगदान मानवता की सर्वोच्च सेवा है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में भोपाल एम्स में एक ब्रेन डेड युवक ने अपने पांच अंगों का दान किया था। इस नेक पहल के माध्यम से कई रोगियों को जीवनदान मिला और उनके हृदय रोग एवं अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में मदद मिली। मुख्यमंत्री ने इसे ‘अंगदान-महादान’ अभियान की सफलता का जीवंत उदाहरण बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार देहदान और अंगदान को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में देहदान करने वाले परिवारों का सम्मान किया जाता है और उनके योगदान को समाज के सामने प्रस्तुत किया जाता है। मरणोपरांत अंगदान करने वाले नागरिक को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर सम्मानित किया जाता है। इस तरह की पहल से न केवल अंगदान की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में मानवता और सेवा की भावना को भी प्रोत्साहन मिलता है।
एम्स भोपाल में हुए इस सफल हृदय प्रत्यारोपण की प्रक्रिया बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि हृदय प्रत्यारोपण के लिए उपयुक्त अंग का मिलना और समय पर सर्जरी करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। एम्स की टीम ने उच्चतम तकनीकी उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से यह जटिल प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न की। इस सफलता ने मध्य प्रदेश को अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अंगदान केवल एक चिकित्सकीय क्रिया नहीं है, बल्कि यह समाज और मानवता के प्रति हमारी जिम्मेदारी और सेवा का प्रतीक है। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने परिवार और समाज को इस दिशा में प्रेरित करें और अंगदान के महत्व को समझें। राज्य सरकार भी इस दिशा में जागरूकता कार्यक्रमों, स्वास्थ्य शिविरों और मीडिया अभियानों के माध्यम से आम जनता तक संदेश पहुंचा रही है।
एम्स भोपाल के निदेशक और चिकित्सकों ने इस सफलता का श्रेय टीमवर्क, नवीनतम तकनीक और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण को दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रत्यारोपण से न केवल मरीजों को जीवन मिलता है, बल्कि यह चिकित्सा विज्ञान और अनुसंधान को भी नई दिशा देता है। भविष्य में राज्य में और अधिक अंग प्रत्यारोपण की योजनाओं पर काम किया जा रहा है, ताकि हर जरूरतमंद मरीज को समय पर जीवनदान मिल सके।
मुख्यमंत्री ने अंत में कहा कि अंगदान केवल जीवनदान नहीं, बल्कि समाज में मानवता और सेवा की भावना को मजबूत करने वाला प्रयास है। उन्होंने इस दिशा में सहयोग करने वाले चिकित्सकों, अस्पताल प्रबंधन और सभी नागरिकों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मध्य प्रदेश में अंगदान और हृदय प्रत्यारोपण जैसी पहल और भी व्यापक स्तर पर फैलेंगी और अधिक से अधिक जीवन बचाने में मदद करेंगी।
इस उपलब्धि ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया है, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और मानवता की भावना को भी उजागर करती है। राज्य सरकार की नीति और नागरिकों की भागीदारी से अंगदान अभियान और हृदय प्रत्यारोपण जैसी जीवनदायिनी पहलों में निरंतर वृद्धि की उम्मीद है।
