मध्य प्रदेश में आमतौर पर नवंबर के मध्य के बाद ही ठंड की शुरुआत होती है। माह के अंत तक कुछ शहरों में शीतलहर की स्थिति बनती है, लेकिन इस बार मौसम ने अलग ही मिजाज दिखाया है। नवंबर के पहले सप्ताह के बाद से ही रात का तापमान सामान्य से काफी कम दर्ज किया गया है। राजधानी भोपाल, इंदौर और कई अन्य शहर लगातार चार दिनों से शीतलहर की चपेट में हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश का वातावरण इस समय पूरी तरह शुष्क है और आसमान साफ होने के कारण रात का तापमान लगातार सामान्य से कम बना हुआ है। इस तरह की स्थिति अगले दो-तीन दिनों तक बनी रह सकती है। मंगलवार को राजगढ़ में रात का तापमान रिकॉर्ड आठ डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इसके अलावा प्रदेश के 30 शहरों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया।
भोपाल, इंदौर, शहडोल और जबलपुर में तीव्र शीतलहर का असर महसूस किया गया, जबकि राजगढ़, सीहोर, शाजापुर, रीवा और मलाजखंड में भी शीतलहर का प्रभाव बना रहा। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में पाकिस्तान और उसके आसपास हवा के ऊपरी हिस्से में एक पश्चिमी विक्षोभ चक्रवात के रूप में बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। यही वजह है कि मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है। इसके अलावा प्रदेश के आसपास के राज्यों में भी अच्छी ठंड पड़ रही है।
मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 50 वर्षों में नवंबर के पहले पखवाड़े में इस तरह का मौसम असामान्य रहा है। आमतौर पर प्रदेश में रात का तापमान छह से आठ डिग्री सेल्सियस तक माह के अंत में ही गिरता है। वहीं, शीतलहर के लगातार बने रहने के दिनों की संख्या भी नवंबर में बहुत अधिक नहीं होती। लेकिन इस बार नवंबर की शुरुआत से ही लगातार ठंड पड़ रही है, जो मौसम विशेषज्ञों के लिए भी चौंकाने वाला है।
प्रदेश में ठंड की इस तेज मार के कारण नागरिकों और प्रशासन दोनों सतर्क हो गए हैं। कई शहरों में सुबह और रात के समय में लोगों को सर्दी से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। अगले दो-तीन दिनों में मौसम के इसी मिजाज के बने रहने की संभावना है, जिससे रात का तापमान लगातार सामान्य से कम रहने की संभावना है।
इस तरह, मध्य प्रदेश में नवंबर के पहले सप्ताह में ही कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या प्रभावित कर दी है। राजधानी भोपाल और इंदौर में पिछले 10 से 25 सालों के रिकॉर्ड भी इस सर्दी के दौरान टूट चुके हैं। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल कोई सक्रिय वेदर सिस्टम न होने के कारण शुष्क मौसम और तेज ठंड बनी हुई है।
मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक सर्द हवाओं और शीतलहर के प्रभाव के मद्देनजर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को अधिक गर्म कपड़े पहनने और ठंड में बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है।
