– दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन और जैश-ए-मोहम्मद की कड़ी की जांच तेज
श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात एक भीषण धमाका हुआ, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई और थाने के आसपास के इलाकों में आग तक भड़क उठी। धमाके के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया और गहन तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को चौंका दिया, बल्कि दिल्ली ब्लास्ट और जैश-ए-मोहम्मद के संभावित कनेक्शन को लेकर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, धमाका उस समय हुआ जब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीम फरीदाबाद में पकड़े गए एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से बरामद किए गए विस्फोटक सामग्री की जांच कर रही थी। बताया जाता है कि जांच के दौरान अचानक ब्लास्ट हुआ और इस घटना में आठ पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है और उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
यह विस्फोट उस विस्फोटक सामग्री से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसे हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद स्थित डॉ. मुज्जमिल के ठिकाने से बरामद किया था। यह बरामदगी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही थी क्योंकि इसमें लगभग 360 किलो विस्फोटक शामिल था। माना जा रहा था कि यह विस्फोटक दिल्ली-NCR सहित अन्य बड़े शहरों में हमलों के लिए तैयार किया गया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नौगाम थाने में रखा गया विस्फोटक वही पूरा स्टॉक था या उसका केवल एक हिस्सा वहां जांच के लिए भेजा गया था।
धमाके के समय थाने में डीएसपी रैंक के अधिकारी समेत लगभग 30 लोग मौजूद थे। ऐसी भी जानकारी है कि धमाके में कुछ लोगों की मौत हुई हो सकती है, लेकिन इस बारे में आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। पुलिस केवल यही कह रही है कि स्थिति पर पूरी नज़र रखी जा रही है और जांच जारी है।
नौगाम का इलाका पहले भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहा है। हाल ही में इसी क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिले थे, जिसके बाद एक बड़े सफेदपोश आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ था। इस नेटवर्क में डॉक्टरों सहित कई उच्च-शिक्षित लोग शामिल पाए गए थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद यह माना जा रहा था कि घाटी में कट्टरपंथी संगठनों की रणनीति बदल रही है और वे शिक्षित पेशेवरों को अपने नेटवर्क में शामिल कर रहे हैं।
शुक्रवार रात लगभग 11:30 बजे हुए इस धमाके ने स्थानीय लोगों को भी हिलाकर रख दिया। कई लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले तेज आवाज सुनी और उसके तुरंत बाद आसमान में आग जैसी रोशनी दिखाई दी। कुछ ने इसे भूकंप जैसी कंपन बताया, जबकि कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। आसपास के घरों की खिड़कियों के शीशे तक टूट गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं और आग को काबू करने का प्रयास किया।
धमाके के बाद पुलिस, CRPF और अन्य सुरक्षा बलों ने इलाके को पूरी तरह घेर लिया। ड्रोन और सर्चलाइट की सहायता से इलाके की तलाशी ली जा रही है। सूत्रों का कहना है कि यह विस्फोट केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चूक का संकेत भी हो सकता है। यही कारण है कि इसे दिल्ली ब्लास्ट केस और जैश-ए-मोहम्मद की गतिविधियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियां अब इस दिशा में भी जांच कर रही हैं कि क्या विस्फोटक सामग्री का प्रबंधन और जांच सही प्रोटोकॉल के तहत की जा रही थी या किसी तकनीकी खामी के कारण यह हादसा हुआ। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं आतंकी नेटवर्क ने सामग्री में छेड़छाड़ कर ऐसी स्थिति तो नहीं बनाई जिसमें यह ब्लास्ट अपरिहार्य था।
फिलहाल नौगाम थाना क्षेत्र को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और आसपास के लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियों को भी तैनात कर दिया गया है। सरकार ने इस घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि यह धमाका जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था और आतंकी नेटवर्क के नए तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आने वाले दिनों में यह जांच तय करेगी कि यह हादसा था या किसी बड़े षड्यंत्र की कड़ी।
