नई दिल्ली ।भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी संभावित वापसी को लेकर चल रही सभी अटकलों पर स्वयं ही विराम लगा दिया है। हाल ही में समाप्त हुए मुकाबले के बाद प्रेज़ेंटर हर्षा भोगले ने जब उनसे यह पूछा कि क्या वह आगे केवल वनडे प्रारूप पर ही ध्यान केंद्रित करने वाले हैं तो कोहली ने हंसते हुए अत्यंत सहज अंदाज़ में जवाब दिया हां, मैं केवल वनडे ही खेलूंगा। उनकी यह प्रतिक्रिया हल्की-फुल्की जरूर थी, लेकिन इससे यह संकेत मिल गया कि टेस्ट क्रिकेट में उनकी वापसी फिलहाल उनके विचारों में शामिल नहीं है।
कोहली ने अपनी फिटनेस और करियर के इस पड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर उन्हें अपनी रिकवरी और शारीरिक संतुलन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 37 वर्ष की आयु में उनका फोकस अब अपनी ऊर्जा को सही प्रारूप में, सही समय पर उपयोग करने पर है। कोहली के अनुसार, अब उनके लिए यह अधिक मायने रखता है कि वे जिन मैचों में हिस्सा लें उनमें पूर्ण रूप से फिट, मानसिक रूप से केंद्रित और खेल के प्रति उत्साह से भरे हों। उनके अनुभव और वर्षों की मेहनत के आधार पर उनका मानना है कि शरीर को समझकर आगे की योजना बनाना ही समझदारी है।
इस बीच बीसीसीआई को लेकर भी कई तरह की चर्चाएँ उठी थीं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में मिली हार के बाद यह अटकलें तेज हो गई थीं कि बोर्ड शायद कोहली से संपर्क कर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में लौटने के लिए मनाने की कोशिश कर सकता है। हालांकि, इन सभी चर्चाओं पर रोक लगाते हुए बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने साफ शब्दों में कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। सैकिया ने स्पष्ट किया कि बोर्ड और कोहली के बीच टेस्ट वापसी को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है, और जो कुछ भी कहा जा रहा है वह सिर्फ निराधार अफवाहें हैं। उन्होंने यह भी अपील की कि ऐसी खबरों पर ध्यान न दिया जाए।
उधर इस पूरे विवाद और चर्चाओं के बीच इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर केविन पीटरसन का भी बयान सामने आया। पीटरसन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यदि विराट कोहली या रोहित शर्मा जैसे विश्वस्तरीय खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने की इच्छा जताते हैं, तो उनके फैसले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे खिलाड़ियों की मौजूदगी टेस्ट क्रिकेट की गुणवत्ता और लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है। पीटरसन की यह टिप्पणी कोहली के प्रति सम्मान और टेस्ट क्रिकेट के मूल्य दोनों को ही रेखांकित करती है।
इन सभी बयानों और घटनाओं के बीच इतना तो साफ है कि विराट कोहली फिलहाल अपने करियर के इस चरण में बेहद सोच-समझकर कदम रख रहे हैं। वे न केवल अपने शरीर की सीमाओं और ज़रूरतों को समझते हैं बल्कि यह भी जानते हैं कि देश के लिए उनके योगदान का सर्वोत्तम रूप तभी दिख सकता है, जब वे पूरी तरह फिट व उत्साहित होकर मैदान में उतरें। उनकी मौजूदा प्राथमिकताएँ वनडे प्रारूप के साथ अधिक मेल खाती हैं, और टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनके दिमाग में फिलहाल कोई योजना नहीं दिखती। कुल मिलाकर कोहली ने अपने बयान से न सिर्फ अफवाहों को शांत किया बल्कि यह भी संकेत दिया कि आगे बढ़ते हुए वे अपने खेल और शरीर के बीच संतुलन को सर्वोपरि मानेंगे। उनकी यह सोच आने वाले समय में उनके प्रदर्शन और भारतीय क्रिकेट दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
