इंदौर । इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा को और आसान बनाने के लिए एमपीआरडीसी एक नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर तैयार कर रहा है। इस नए हाईवे का प्रोजेक्ट 48.10 किमी लंबा होगा और इसे एक्सेस कंट्रोल्ड फोरलेन के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मार्ग से इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा का समय महज 30 मिनट हो जाएगा जो वर्तमान समय से काफी कम होगा। यह हाईवे पितृ पर्वत से शुरू होकर चिंतामन गणेश मंदिर के पास सिंहस्थ बायपास तक जाएगा।
इस प्रोजेक्ट की निर्माण जिम्मेदारी लुधियाना की कंपनी “सीगल इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स प्रालिको दी गई है जिन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई है। निर्माण कार्य शुरू करने के लिए अब कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है और उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष से सड़क निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। परियोजना के अंतर्गत 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिनमें से 1089 करोड़ रुपये सड़क निर्माण पर और बाकी राशि भूमि अधिग्रहण पर खर्च की जाएगी। इस मार्ग को बनाने के लिए 175 हेक्टेयर से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा जिसमें इंदौर जिले के 650 किसानों की जमीन भी शामिल है।
सड़क के निर्माण से इंदौर और उज्जैन के अलावा आसपास के क्षेत्रों में भी यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। यह नया हाईवे कई प्रमुख गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें जंबूड़ी हप्सी, हातोद, कांकरिया बोर्डिया, पोटलोद, मगरखेड़ी लिंबा पीपल्या जैसे गांव शामिल हैं। इस परियोजना के दौरान टोल व्यवस्था भी मौजूदा स्टेट हाईवे जैसी होगी, जिसमें इंदौर और उज्जैन दोनों ओर अलग-अलग टोल प्वाइंट होंगे। इस हाईवे के निर्माण के साथ ही एटीएमएस आटोमेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों का भी इंतजाम किया जाएगा।
यह व्यवस्था मार्ग पर निरंतर निगरानी रखने में मदद करेगी जिससे ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर किया जा सकेगा, खासकर सिंहस्थ मेले और वीआईपी मूवमेंट के दौरान। एटीएमएस सिस्टम यातायात के प्रवाह को सुगम बनाएगा और सुरक्षा को भी बढ़ाएगा। यह नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विशेष रूप से सिंहस्थ मेले के दौरान यात्रियों को बेहतर और तेज यात्रा अनुभव प्रदान करेगा। इसके अलावा इंदौर और उज्जैन के बीच वाहनों का दबाव भी कम होगा जिससे सड़क पर भीड़भाड़ और जाम की समस्या को नियंत्रित किया जा सकेगा।
नई सड़क के निर्माण से न केवल इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा की गति में वृद्धि होगी बल्कि आसपास के गांवों और इलाकों में भी विकास की नई राह खुलेगी। इस परियोजना से इंदौर और उज्जैन के बीच व्यापार और पर्यटन के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है। कुल मिलाकर यह प्रोजेक्ट दोनों शहरों के बीच यातायात और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा जो न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति देगा।
