नई दिल्ली। 4 नवंबर 2025 को शुरू किए गए स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के दौरान भारत में बूथ लेवल अधिकारियों BLO – Booth Level Officers की मौत के चौंकाने वाले और चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। अभियान शुरू होने के सिर्फ 27 दिनों के भीतर देशभर में 32 BLOs की मौत की पुष्टि हुई है।इन मौतों के पीछे सड़क हादसे, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अत्यधिक कार्यभार से उपजा तनाव और कई आत्महत्या के मामले शामिल हैं। कई मृत BLOs के परिवारों ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है कि अत्यधिक दबाव, लंबे समय तक जारी फील्डवर्क और अवकाश न मिलने जैसी स्थितियों ने इन कर्मचारियों की जान ले ली है।राज्यवार मौतों का ब्योरा 27 दिनों में 32 मौतें सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज़्यादा मौतें दो बड़े राज्यों में दर्ज की गई हैं।
राज्यमौतों की संख्यामध्य प्रदेश8उत्तर प्रदेश8गुजरात6पश्चिम बंगाल5राजस्थान3केरल1तमिलनाडु 1 कुल 32 मुख्य कारण और दर्दनाक मामलेमौतों के विस्तृत ब्योरे से पता चलता है कि यह संकट विभिन्न रूपों में सामने आया है, जो काम के माहौल पर गंभीर सवाल खड़े करता है:अत्यधिक तनाव और हार्ट अटैक: कई मौतों का कारण सीधे तौर पर काम के दबाव से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए, पश्चिम बंगाल के नमिता हांसदा 9 नवंबर की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हुई, जिसका कारण कथित तौर पर कार्यभार का तनाव था। वहीं, गुजरात के रमेशभाई परमार 19 नवंबर की मौत ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से हुई, जबकि यूपी की शोभा रानी 30 नवंबर की मृत्यु भी अत्यधिक कार्यभार के बीच हार्ट अटैक से हुई।आत्महत्या के मामले: कई BLOs ने कथित तौर पर काम के दबाव के कारण आत्महत्या की।
इनमें मध्य प्रदेश के उदयभान सिहारे 16 नवंबर राजस्थान के मुकेश जांगिड़ 16 नवंबर केरल के अनीश जॉर्ज 16 नवंबर तमिलनाडु की जाहिदा बेगम 20 नवंबर और यूपी के सुधीर कुमार कोरी 26 नवंबर जिन्हें शादी के लिए छुट्टी नहीं मिली थी, शामिल हैं।फील्डवर्क और दुर्घटनाएं: कुछ BLOs की मौत फील्डवर्क से जुड़ी दुर्घटनाओं में हुई। मध्य प्रदेश के श्याम सुंदर शर्मा 6 नवंबर की मौत SIR fieldwork करते समय सड़क हादसे में हुई और सुजान सिंह रघुवंशी 24 नवंबर की मृत्यु SIR ड्यूटी से लौटते समय ट्रेन की चपेट में आने से हुई।ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य का बिगड़ना मध्य प्रदेश के रामकांत पांडे 20 नवंबर ऑनलाइन आधिकारिक SIR मीटिंग में भाग लेने के बाद गिर गए। गुजरात की ऊषा सोलंकी 23 नवंबर BLO ड्यूटी के लिए सुपरवाइज़र का इंतज़ार करते समय गिर गईं।
BLOs के परिवारों का गंभीर आरोपBLOs आमतौर पर प्राथमिक शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मचारी होते हैं जिन पर चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य का अतिरिक्त बोझ डाला जाता है। परिवारों ने आरोप लगाया है कि फील्डवर्क, मतदाता सूची सत्यापन और ऑनलाइन बैठकों के कारण उन्हें लगातार दबाव में काम करना पड़ा। पश्चिम बंगाल के जाकिर हुसैन 28 नवंबर के परिवार ने भी चुनावी ड्यूटी के अत्यधिक दबाव का आरोप लगाया है।इन 32 मौतों के आंकड़े जो केवल 27 दिनों के अंतराल में दर्ज किए गए हैं, BLOs के कार्य-कल्याण और चुनावी प्रक्रियाओं के दौरान कर्मचारियों को दिए जा रहे अत्यधिक कार्यभार और तनाव की स्थिति पर एक गंभीर और तत्काल चिंता का विषय खड़ा करते हैं।
