नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को एक अनोखी घटना देखने को मिली। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी संसद परिसर में एक कुत्ता लेकर पहुंचीं, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। बीजेपी सांसदों ने इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह संसद के नियमों का उल्लंघन है। रेणुका चौधरी से जब पूछा गया कि उन्होंने कुत्ते को संसद क्यों लाया, तो उन्होंने कहा कि सरकार को जानवर पसंद नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा यह छोटा और बिल्कुल नुकसान न पहुंचाने वाला जानवर है। काटने और डसने वाले लोग संसद में बैठे हैं न कि यह कुत्ता।बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि संसद में पालतू जानवर लाना गलत है। उन्होंने कहा विशेषाधिकार का मतलब दुरुपयोग नहीं होता। इस तरह की हरकत पर कार्रवाई होनी चाहिए।
सांसद का दावा और सुरक्षा की सफाई
रेणुका चौधरी ने संसद सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप अस्वीकार किया। उन्होंने बताया कि रास्ते में स्कूटर और कार वाले का टक्कर हुआ और एक छोटा पिल्ला अचानक सामने आ गया। उन्होंने कहा, मैंने सोचा कि यह वाहन के पहिए के नीचे आ जाएगा, इसलिए मैंने इसे उठाकर अपने वाहन में रखा और संसद ले आई। वापस भेज दिया। इसमें क्या बड़ी बात है? उन्होंने आगे कहा कि गाड़ी भी गई और कुत्ता भी, तो किस बात की चर्चा हो रही है। उनका मानना है कि असली काटने वाले और डसने वाले लोग संसद में बैठकर सरकार चला रहे हैं।
संसद के नियम और पालतू जानवर
संसद भवन परिसर में पालतू जानवरों का प्रवेश नियमों के अनुसार मना है। संसद भवन परिसर व्यवहार एवं आचरण नियम और लोकसभा हैंडबुक के अनुसार, परिसर में केवल अधिकृत व्यक्ति, वाहन और सुरक्षा क्लियरेंस प्राप्त सामग्री ही लाई जा सकती है। किसी भी प्रकार की वस्तु जीव या सामग्री जो सुरक्षा या मर्यादा को प्रभावित करे उसे लाना अनुमति नहीं है। पालतू जानवर इस श्रेणी में आते हैं और इसलिए उन्हें संसद में लाना नियमों के खिलाफ माना जाता है। यह नियम संसद सुरक्षा ब्रांच लागू करती है।
रेणुका चौधरी की पृष्ठभूमि
रेणुका चौधरी तेलंगाना से राज्यसभा सांसद हैं और 2024 में दोबारा ऊपरी सदन में चुनी गईं। वे लंबे समय से कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में काम कर चुकी हैं। उन्होंने महिला एवं बाल विकास और पर्यटन मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में सेवा दी। इसके पहले वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं।राजनीति की शुरुआत उन्होंने 1984 में तेलुगु देशम पार्टी से की और 1998 में कांग्रेस में शामिल हुईं। वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुकी हैं और कई संसदीय समितियों की सदस्य भी रह चुकी हैं।
शीतकालीन सत्र की जानकारी
संसद में सोमवार से शीतकालीन सत्र विंटर सेशन की शुरुआत हुई। यह सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक चलेगा। कुल 19 दिनों के दौरान सत्र में 15 बैठकें होंगी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिल पेश किए जा सकते हैं, जिनमें एटॉमिक एनर्जी बिल समेत लगभग 10 नए बिल शामिल हैं। इस शीतकालीन सत्र में संसद की कार्यवाही और सदस्य नेताओं के बीच चल रही बहसें देश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। रेणुका चौधरी द्वारा संसद में कुत्ता लाने की घटना ने न केवल नियमों के पालन पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि राजनीतिक दलों के बीच बहस को भी हवा दी है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं। सत्र के दौरान यह देखा जाएगा कि इस विवाद को लेकर संसद में कोई औपचारिक कार्रवाई होती है या नहीं। सांसदों के इस व्यवहार ने संसद में सुरक्षा नियमों और आचार संहिता की चर्चा को बढ़ा दिया है। इस घटना ने संसद में नियम पालन और सदन के आचरण पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
