भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है जो पांच दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल चार बैठकें होंगी जिसमें महत्वपूर्ण विधेयक और मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र के दौरान राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी जो अनुमानित रूप से 10,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा। इसके अलावा अन्य कई विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे जिनमें नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराने से संबंधित विधेयक और दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक शामिल हैं।
द्वितीय अनुपूरक बजट और राज्य की योजनाएं
सत्र के दौरान 2 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें केंद्रीय योजनाओं और राज्यांश के साथ जल जीवन मिशन भावांतर योजना और अधोसंरचना विकास जैसी योजनाओं के लिए प्रविधान रखे जाएंगे। हालांकि इस बजट में किसी नई योजना के लिए राज्य के कोष पर अतिरिक्त भार नहीं डाला जाएगा। इस बजट में मुख्य रूप से पहले से चल रही योजनाओं के लिए फंड्स को सुनिश्चित किया जाएगा।
नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव और नए विधेयक
एक और अहम विधेयक नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित है। 2022 में पार्षदों के माध्यम से अध्यक्ष का चुनाव किया गया था लेकिन अब एक नया विधेयक लाया जाएगा जिसके तहत अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाताओं से कराया जाएगा। इसके साथ ही खाली कुर्सी भरी कुर्सी की व्यवस्था लागू होगी यानी यदि अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होता है तो राज्य निर्वाचन आयोग पुनः चुनाव कराएगा।
यह परिवर्तन पार्षदों और मतदाताओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए जाएंगे। इनमें दुकानदारों और कामगारों के लिए सप्ताह में एक दिन अनिवार्य अवकाश और गुमास्ता लाइसेंस की फीस को 5,000 रुपये तक करने जैसे प्रावधान शामिल हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य व्यापारिक और श्रमिक समुदाय को बेहतर कार्य स्थितियां प्रदान करना है।
सत्र के दौरान प्रमुख मुद्दे
मध्य प्रदेश विधानसभा में सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर हंगामा होने की संभावना जताई जा रही है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की तैयारी की है। कांग्रेस के नेता राज्य में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग पर अत्याचार और अन्य सामाजिक मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण SIR जल जीवन मिशन की गड़बड़ी कृषि उपजों के मूल्य में गिरावट और किसानों को खाद की आपूर्ति में देरी जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाए जाएंगे।
सदस्यों ने सत्र के लिए कुल 1,497 सवाल भेजे हैं। इनमें से 6 स्थगन, 194 ध्यानाकर्षण 52 शून्यकाल और 14 अशासकीय संकल्प की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। इन सवालों का उद्देश्य सरकार से जवाब मांगने के साथ साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना होगा। इस बार का शीतकालीन सत्र सियासी दृष्टि से खासा महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसमें न केवल राज्य के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के अधिकारों और कल्याण योजनाओं पर भी गहरी बहस हो सकती है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र राज्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है क्योंकि इसमें कई अहम विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। खासकर, कानून-व्यवस्था और सामाजिक न्याय के मुद्दे सत्र के दौरान प्रमुखता से उठ सकते हैं जिससे राजनीतिक माहौल में गर्मी आ सकती है। विपक्षी दल इन मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे। अब यह देखना होगा कि सत्ताधारी पार्टी इन मुद्दों का समाधान कैसे करती है और सत्र में किस दिशा में प्रगति होती है।
