इंदौर शहर रविवार को उस समय भावनाओं से भर गया, जब हाईकोर्ट की वकील अभिजीता राठौर (38) के निधन के बाद उनका अंगदान किया गया। ब्रेन डेड घोषित होने के बाद अभिजीता ने जीवन के अंत में भी तीन लोगों को नई जिंदगी दी। इस पुनीत कार्य के लिए शहर में 65वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिसके माध्यम से उनका लिवर और दोनों किडनियां अलग-अलग अस्पतालों तक पहुंचाई गईं।
अभिजीता का इलाज जुपिटर हॉस्पिटल में चल रहा था। रविवार सुबह जब अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई, तो माहौल अत्यंत भावुक हो गया। पति प्रवीण राठौर, जो रेलवे कॉन्ट्रेक्टर हैं, ने नम आंखों से अपनी पत्नी को अंतिम बार मंगलसूत्र पहनाकर विदाई दी। यह दृश्य देख हर किसी की आंखें भर आईं। इसके बाद अस्पताल प्रशासन और मेडिकल टीम ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी।
बीमारी से जूझते हुए बनीं प्रेरणा की मिसाल
अभिजीता को कुछ दिन पहले फेफड़ों में संक्रमण (लंग्स इंफेक्शन) हुआ था, जिसके चलते 25 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट बन गया। डॉक्टरों ने कई प्रयास किए, लेकिन हालत बिगड़ती चली गई और शनिवार को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। उनके भाई अभिजीत सिंह राठौर, जो इंदौर में लोक अभियोजक के पद पर हैं, ने बताया कि परिवार ने मिलकर अंगदान का निर्णय लिया ताकि अभिजीता की स्मृति दूसरों के जीवन में अमर रह सके।
तीन अस्पतालों तक पहुंचाए गए अंग
मुस्कान ग्रुप पारमार्थिक ट्रस्ट के सेवादार संदीपन आर्य ने बताया कि अभिजीता का लिवर सीएचएल हॉस्पिटल, एक किडनी जुपिटर हॉस्पिटल और दूसरी किडनी चोइथराम हॉस्पिटल भेजी गई। अन्य अंगों की एलोकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें भी जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाया गया।
उल्लेखनीय है कि अभिजीता ने इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने गर्भावस्था के दौरान ही वकालत की पढ़ाई शुरू की, जो उनकी लगन और दृढ़ निश्चय का प्रतीक था। उन्होंने एलएलबी की डिग्री के बाद क्रिमिनोलॉजी में एलएलएम पूरा किया। उन्होंने अपने भाई के सहयोग से जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। अपनी मिलनसार प्रवृत्ति और कानूनी समझ के बल पर अभिजीता ने वकालत के क्षेत्र में जल्द ही अपनी अलग पहचान बनाई। सहकर्मी उन्हें न केवल एक कुशल वकील बल्कि एक संवेदनशील और निस्वार्थ इंसान के रूप में याद करते हैं।
परिवार का गर्व और समाज के लिए प्रेरणा
अभिजीता के परिवार में पति प्रवीण राठौर, बेटी पर्णिका (13) और बेटा अभिरत्न (5) हैं। पिता रतन सिंह राठौर, जो डिप्टी डायरेक्टर, लोक अभियोजन के पद पर रहे और अखिल भारतीय क्षत्रिय राठौर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं, ने कहा, “अभिजीता ने जीवन में हमेशा दूसरों के लिए कुछ करने की बात की, और अंत में उसने वही किया।” मां गिरिबाला राठौर, जो स्वयं शिक्षाविद हैं, ने बेटी के निर्णय पर गर्व जताते हुए कहा कि “अभिजीता ने हमें सिखाया कि सच्ची सेवा मृत्यु के बाद भी संभव है।”
