भोपाल । मध्य प्रदेश में ग्वालियर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मुरैना नगर निगम की महापौर शारदा राजेंद्र प्रसाद सोलंकी को एक बड़ी राहत देते हुए उनके चुनाव को वैध ठहराया है। इस दौरान कोर्ट ने भाजपा उम्मीदवार मीना मुकेश जाटव की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। दरअसल जाटव ने सोलंकी के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देते हुए उनका चुनाव निरस्त करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति की जांच में शारदा सोलंकी के जाति प्रमाण पत्र को वैध ठहराया गया है।
जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने अपने फैसले में कहा कि जब उच्च स्तरीय जांच समिति ने प्रमाण पत्र को सही ठहराया है और याचिकाकर्ता भी इस निर्णय को स्वीकार कर चुकी हैं, तो पुनरीक्षण याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
यह मामला साल 2022 के नगर निगम चुनाव से संबंधित है, जिसमें मुरैना महापौर का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित था। इस चुनाव में कांग्रेस की शारदा सोलंकी विजयी हुई थीं, जबकि भाजपा की मीना जाटव दूसरे स्थान पर रही थीं। जिसके बाद मीना जाटव ने शारदा सोलंकी के निर्वाचन को जिला न्यायालय में चुनौती दी थी।
मीना जाटव का तर्क था कि शारदा सोलंकी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा की निवासी हैं, इसलिए मध्य प्रदेश में जारी उनका अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र अमान्य है। उन्होंने आरोप लगाया था कि सोलंकी ने अपने पति के नाम का उपयोग कर धोखे से स्थानीय जाति प्रमाण पत्र बनवाया और चुनाव में अयोग्य होते हुए भी नामांकन दाखिल किया।
इस मामले में जिला न्यायालय ने मई 2024 में मीना जाटव का आवेदन खारिज कर दिया था। अदालत के इसी निर्णय के खिलाफ जाटव ने हाईकोर्ट में सिविल रिविजन याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने 9 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था और गुरुवार को इस पर निर्णय सुनाया।
