नई दिल्ली । उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के लोधा विकासखंड में शाहपुर कुतुब प्राथमिक विद्यालय के सहायक अध्यापक शमसुल हसन को वंदे मातरम का विरोध करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अनुशासनहीनता और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के चलते यह कार्रवाई की गई। इस घटना ने इलाके में चर्चा और विवाद दोनों को जन्म दिया है।
जानकारी के अनुसार, 12 नवंबर को प्रार्थना सभा के दौरान राष्ट्रगान के बाद वंदे मातरम का गायन हुआ। इसी दौरान सहायक अध्यापक शमसुल हसन ने वंदे मातरम का विरोध किया, जिससे विद्यालय में तनाव पैदा हो गया। उनकी इस प्रतिक्रिया को अनुशासनहीनता माना गया और तत्काल उन्हें निलंबित कर दिया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का आकलन करने के बाद निलंबन की कार्रवाई पूरी की। साथ ही, पुलिस ने भी मामले में जांच शुरू कर दी।
प्राथमिकी भी दर्ज
रोरावर थाना में शमसुल हसन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मज़हब के आधार पर वंदे मातरम का विरोध किया और मुसलमानों को इकट्ठा करने की धमकी दी। एसपी मयंक पाठक ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।
शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि किसी भी शिक्षक द्वारा अनुशासनहीन या संवेदनशील सामग्री के विरोध को गंभीरता से लिया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों और विद्यालय में सामाजिक समरसता बनी रहे।
क्षेत्र में विवाद और चिंता
घटना के बाद स्थानीय लोगों और अभिभावकों में चिंता की लहर दौड़ गई। कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ देखा रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे व्यक्तिगत राय की घटना मान रहे हैं। वहीं, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने और विवाद बढ़ने से रोकने के लिए अतिरिक्त निगरानी का आदेश दिया है।
यह मामला सामाजिक और राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि निलंबन और पुलिस कार्रवाई के बाद आगे की जांच जारी रहेगी और किसी भी निष्पक्ष कार्रवाई में कानूनी नियमों का पालन किया जाएगा।
अलीगढ़ के शाहपुर कुतुब प्राथमिक विद्यालय की यह घटना एक बार फिर देश में स्कूलों में राष्ट्रगान और वंदे मातरम से जुड़ी संवेदनशीलताओं पर बहस का मुद्दा बन गई है।
