दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीले स्तर पर पहुंच गई है और हालात इतने खराब हो चुके हैं कि शहर गैस चैंबर जैसा महसूस होने लगा है। ठंड बढ़ने, हवा की रफ्तार कम होने, आसपास के राज्यों में पराली जलने और राजधानी के भारी ट्रैफिक ने मिलकर प्रदूषण को खतरे की रेखा से कई गुना ऊपर पहुंचा दिया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के सात प्रमुख इलाकों में हवा ‘Severe’ श्रेणी में पहुंच चुकी है।
राजधानी में सबसे खराब हवा बवाना में रिकॉर्ड हुई, जहां AQI 420 तक जा पहुंचा। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआं इस क्षेत्र में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह बन गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यहां के लोगों को सुबह-शाम घर से बाहर न निकलने और N-95 मास्क के इस्तेमाल की सख्त सलाह दी है।
वज़ीरपुर की हवा भी बेहद खराब स्तर पर है। 385 AQI के साथ यह इलाका ‘Severe’ श्रेणी के करीब पहुंच गया है। छोटे कारखानों का धुआं और ट्रैफिक जाम लगातार हवा को जहरीली बना रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी हवा अस्थमा, दिल और फेफड़ों की बीमारियों को तेज़ी से बिगाड़ सकती है।
अलीपुर में AQI 372 रिकॉर्ड किया गया। हाईवे से गुजरने वाले भारी वाहनों और आसपास के इलाकों में जल रही पराली का असर यहां साफ दिख रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमण और एलर्जी का कारण बन रहे हैं।
आरके पुरम में AQI 334 दर्ज हुआ और PM2.5 का स्तर 242 µg/m³ तक पहुंच गया है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस हवा में सांस लेना एक दिन में लगभग 12 सिगरेट पीने जैसा है। घरों में एयर प्यूरीफायर चलाने और खिड़कियां बंद रखने की सलाह दी गई है।
पटपरगंज की हवा भी गंभीर श्रेणी में है। क्षेत्रों में मौजूद इंडस्ट्री, ट्रैफिक और ठंड में जम गई प्रदूषित हवा के कारण AQI 355 तक पहुंच गया। बच्चों के लिए यह हवा सबसे ज्यादा हानिकारक मानी जा रही है।
बुराड़ी में AQI 348 रिकॉर्ड किया गया है। बढ़ती ठंड के कारण हवा नीचे बैठ रही है, जिससे प्रदूषण का असर और ज्यादा बढ़ गया है। यहां गाड़ियों का धुआं और घरेलू ईंधन के कण हवा में भारीपन पैदा कर रहे हैं।
विवेक विहार में AQI 340 दर्ज हुआ। सड़क की धूल, निर्माण कार्यों और ट्रैफिक की वजह से यह इलाका भी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। डॉक्टरों ने बिना मास्क बाहर निकलने को खतरनाक बताया है।
मौसम विभाग और प्रदूषण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में सुधार तभी होगा जब तापमान बढ़ेगा या तेज़ हवाएं चलेंगी। साथ ही, दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों पर प्रभावी नियंत्रण बेहद जरूरी है। फिलहाल लोगों को आवश्यक सावधानियां—जैसे मास्क पहनना, बाहर कम निकलना और पर्याप्त पानी पीना बरतने की सलाह दी गई है।
