- महाराष्ट्र पुलिस की सूचना पर खुला बड़ा नेटवर्क
खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नकली करेंसी का ऐसा जखीरा बरामद हुआ है जिसने पुलिस और प्रशासन दोनों को चौंका दिया है। जावर थाना क्षेत्र के ग्राम पैठियां (मछौड़ी रैय्यत) स्थित एक मदरसे में लाखों रुपए के नकली नोट मिलने से हड़कंप मच गया। मस्जिद में इमाम के रूप में तैनात जुबेर पिता अशरफ अंसारी के कमरे से पुलिस ने करीब 19 लाख 78 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं। यह कार्रवाई महाराष्ट्र पुलिस की सूचना पर खंडवा पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में सामने आई। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर नकली नोटों का यह नेटवर्क कहां-कहां तक फैला हुआ है और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं।
मामले का खुलासा उस समय हुआ जब महाराष्ट्र के मालेगांव पुलिस ने दो व्यक्तियों को नकली करेंसी के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम जुबेर पिता अशरफ अंसारी और दूसरे का नाम नजीम अकम अयूब अंसारी है। दोनों मूल रूप से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के रहने वाले हैं। मालेगांव पुलिस ने इन्हें मुंबई-आगरा हाईवे पर होटल एवन के पास एक बैग में नकली नोटों के साथ पकड़ा था। तलाशी के दौरान दोनों के पास से 500 रुपए मूल्य के 2000 नोट (कुल 10 लाख रुपए), दो मोबाइल हैंडसेट और IMPEX कंपनी का एक चॉकलेट रंग का बैग बरामद किया गया। नोटों की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि वे पूरी तरह से नकली हैं। पुलिस ने दोनों को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं 179, 180 और 3(5) के तहत गिरफ्तार कर आठ दिन की पुलिस कस्टडी में लिया है।
मालेगांव पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जब खबर मीडिया में आई तो खंडवा जिले के जावर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट में देखा कि गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम जुबेर है, जो उनके गांव पैठियां की मस्जिद में इमाम के रूप में कार्यरत है। उसने तुरंत जावर पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और वरिष्ठ अधिकारियों ने महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क किया। जब यह पुष्ट हुआ कि गिरफ्तार व्यक्ति वही जुबेर है, जो पैठियां की मस्जिद में नमाज पढ़ाता था, तो खंडवा पुलिस ने मौके पर टीम भेजी।
डीएसपी हेडक्वार्टर अनिल सिंह चौहान, टीआई सुलोचना गहलोद और जावर थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मदरसे पहुंचे और जुबेर के कमरे की तलाशी ली। तलाशी के दौरान कमरे में रखे एक बैग से पुलिस को बड़ी मात्रा में नकली नोटों के बंडल मिले। शुरुआती गिनती में यह रकम लगभग 12 लाख बताई गई, लेकिन बाद में सटीक गणना में यह आंकड़ा 19 लाख 78 हजार रुपए तक पहुंच गया। पुलिस का कहना है कि नोट इतने सटीक तरीके से छापे गए हैं कि उन्हें असली नोटों से पहचानना मुश्किल है। बरामद नोट मुख्यतः 500 और 2000 रुपए के मूल्य वर्ग के हैं।
जांच में सामने आया है कि जुबेर मूल रूप से बुरहानपुर जिले के हरिपुरा क्षेत्र का निवासी है। वह पैठियां गांव के मदरसे की ऊपरी मंजिल पर किराए के कमरे में रहता था और तीन महीने पहले ही उसे बतौर इमाम नियुक्त किया गया था। मस्जिद के सदर कलीम खान के अनुसार, जुबेर पहले बेनपुरा डोंगरी गांव में नमाज पढ़ाने का काम करता था, लेकिन वहां किसी अन्य इमाम की नियुक्ति के बाद उसे हटाया गया। इसके बाद उसे पैठियां की मस्जिद में रखा गया। उन्होंने बताया कि जुबेर शांत स्वभाव का था, और किसी को शक नहीं था कि वह ऐसे गैरकानूनी काम में लिप्त हो सकता है। सदर ने यह भी बताया कि जुबेर 26 अक्टूबर को यह कहकर गया था कि उसकी मां की तबीयत खराब है और तब से वह वापस नहीं लौटा।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि जुबेर लंबे समय से इस क्षेत्र में सक्रिय था और संभव है कि यह स्थान नकली करेंसी के भंडारण या वितरण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। महाराष्ट्र पुलिस की पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि नकली नोटों का एक बड़ा नेटवर्क खंडवा, बुरहानपुर और मालेगांव को जोड़कर काम कर रहा था। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इन नोटों की सप्लाई कहां की जानी थी और इसके पीछे कौन-कौन लोग सक्रिय हैं।
खंडवा पुलिस ने बरामद नकली नोटों को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजने की तैयारी की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये नोट कहां और किस तकनीक से छापे गए। एफएसएल की रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होगा कि नकली नोट भारत में बनाए गए हैं या किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से आए हैं। एसपी खंडवा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह नेटवर्क सीमापार राज्यों में फैला हुआ है और इसकी कड़ियाँ संभवतः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से जुड़ी हो सकती हैं।
वहीं, मालेगांव पुलिस और खंडवा पुलिस की संयुक्त टीम अब इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुँचने के प्रयास में जुटी है। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, दस्तावेज़, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर लिए हैं, जिनकी तकनीकी जांच की जा रही है। इससे उनके संपर्कों, लेन-देन और नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मिलने की उम्मीद है।
इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। गांव के लोग हैरान हैं कि उनके बीच नमाज पढ़ाने वाला व्यक्ति इतना बड़ा अपराधी निकल सकता है। ग्रामीणों के अनुसार, जुबेर अक्सर छुट्टी लेकर बाहर जाता था, लेकिन किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह नकली करेंसी के कारोबार में लिप्त हो सकता है। फिलहाल पुलिस ने क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है और मदरसे से जुड़ी सभी गतिविधियों की निगरानी की जा रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह मामला केवल नकली नोटों की बरामदगी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमावर्ती इलाकों में नकली करेंसी के कई छोटे मामले सामने आए हैं। अब खंडवा की यह कार्रवाई उस सिलसिले की एक महत्वपूर्ण कड़ी मानी जा रही है।
एसपी खंडवा ने कहा कि प्राथमिकता इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की है। “हम हर स्तर पर जांच कर रहे हैं। बरामद नोटों की तकनीकी जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह गिरोह स्थानीय स्तर पर सक्रिय था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।”
इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर छोटे कस्बों और मजहबी संस्थानों तक नकली करेंसी का नेटवर्क कैसे पहुंच गया। यह मामला न केवल पुलिस के लिए चुनौती है, बल्कि यह भी चेतावनी है कि देश में नकली मुद्रा के कारोबार को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। फिलहाल एफएसएल रिपोर्ट और आगे की पूछताछ से इस गिरोह के कई और राज़ खुलने की उम्मीद की जा रही है।
