नई दिल्ली । नोएडा के सूरजपुर इलाके में उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो खुद को रॉ (RAW) का ऑपरेशन ऑफिसर बताकर कई महीनों से लोगों को धोखा दे रहा था। आरोपी का नाम सुनीत कुमार है, जो बिहार के वैशाली जिले का रहने वाला है। उसने अपनी पहचान को पूरी तरह से छुपा रखा था और विभिन्न फर्जी दस्तावेजों के जरिए प्रशासनिक दफ्तरों और बैंकिंग सिस्टम में घुसने की कोशिश की थी।
सुनीत कुमार के पास से एसटीएफ ने एक फर्जी रॉ ऑफिसर की आईडी कार्ड बरामद की, जिसमें सुरक्षा निशान और उसकी तस्वीर भी थी। इस कार्ड का इस्तेमाल वह न केवल पुलिस चेकिंग से बचने के लिए करता था, बल्कि कई बार प्रशासनिक दफ्तरों में घुसने और लोगों को धोखा देने के लिए भी करता था। आरोपी ने इस फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर कई बार लोगों को प्रभावित किया और कई छोटे-छोटे लाभ भी उठाए।
एसटीएफ की जांच में सुनीत के पास से कई अन्य फर्जी दस्तावेज भी मिले हैं, जिनमें दो फर्जी सरकारी पहचान पत्र, 20 बैंकों की चेकबुक, आठ डेबिट/क्रेडिट कार्ड, पांच पैन कार्ड और तीन वोटर आईडी कार्ड शामिल हैं। हैरान करने वाली बात यह थी कि हर पहचान पर सुनीत की तस्वीर थी, लेकिन नाम अलग-अलग थे, जैसे राहुल, अमित और सुदीप शर्मा। इसके अलावा, वह कई किरायानामे भी कर चुका था, जिन्हें उसने सरकारी परियोजना अधिकारी के रूप में दिखाया था।
20 बैंकों की चेकबुकों और अन्य वित्तीय दस्तावेजों से अब पुलिस यह जांच रही है कि सुनीत ने इन खातों का क्या उद्देश्य रखा था। क्या उसने इनका इस्तेमाल बैंकिंग धोखाधड़ी के लिए किया था, या फिर इन्हें पहचान छिपाने के लिए खोला गया था? जांच के दौरान यह भी पाया गया कि सुनीत कुमार ने अपना नाम और पहचान बदलने के लिए किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है।
सूरजपुर में उसकी गतिविधियों को लेकर स्थानीय लोग पहले ही शक जता चुके थे। एसटीएफ ने उसकी मूवमेंट को ट्रैक किया और सोमवार शाम उसे एक दुकान के बाहर रोका। पूछताछ के दौरान, उसकी पहचान पत्र में गड़बड़ी पाए जाने के बाद एसटीएफ ने उसकी गिरफ्तारी की और यह खुलासा किया कि वह एक ठग है।
अब एसटीएफ ने सुनीत कुमार से पूछताछ शुरू कर दी है और यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसके पास इतनी बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज कहां से आए। पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी सिर्फ एक शुरुआत है और आगे और बड़े खुलासे हो सकते हैं। आरोपी के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है, और उसकी डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन और बैंक खातों की फॉरेंसिक जांच जारी है। एसटीएफ को शक है कि इस तरह की गतिविधियों में वह अकेला नहीं था, और इसके पीछे एक संगठित गिरोह का हाथ हो सकता है।
एसटीएफ का कहना है कि यह मामला गंभीर है और आगे की जांच में कई और खुलासे हो सकते हैं।
