मुंबई। मुंबई की लोकल ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा एक आम बात है, लेकिन कल्याण रेलवे स्टेशन पर सामने आए एक मामले ने रेलवे अधिकारियों को चौंका दिया है। रेलवे पुलिस ने एक हाई-प्रोफाइल दंपति को फर्जी AC लोकल पास के साथ गिरफ्तार किया है जिसे पति ने कोडिंग और AI की मदद से तैयार किया था।
सैलरी एक लाख, फिर भी फर्जीवाड़ा
गिरफ्तार महिला की पहचान गुड़िया ओमकार शर्मा 28 के रूप में हुई है, जो एक निजी एक्सिस बैंक में सेल्स मैनेजर के पद पर कार्यरत है और लगभग एक लाख रुपये मासिक वेतन पाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी अच्छी सैलरी होने के बावजूद वह कई महीनों से फर्जी पास के सहारे यात्रा कर रही थी। इस मामले में गुड़िया के पति, ओमकार आनंदी शर्मा 30 को भी गिरफ्तार किया गया है, जो पेशे से इंजीनियर है। यह दंपति अंबरनाथ के रहने वाले हैं।
ऐसे पकड़ा गया हाई-टेक फ्रॉड
मध्य रेलवे में टीटीआई Travelling Ticket Inspector के पद पर कार्यरत विशाल तुकाराम नवले ने अपनी शिकायत में बताया कि 26 नवंबर को AC लोकल में रूटीन जाँच के दौरान महिला ने अपने मोबाइल पर UTS ऐप का सीजन पास दिखाया।बारीक जाँच: टीटीआई नवले को संदेह हुआ। बारीकी से जाँच करने पर पता चला कि पास असल में UTS ऐप में नहीं, बल्कि गूगल क्रोम ब्राउज़र में खुला हुआ था।संदिग्ध पास: फर्जी पास पर क्यूआर कोड भी गायब था।वैधता समाप्त: पास नंबर की जाँच करने पर पता चला कि यह पास ओमकार शर्मा के नाम पर था और इसकी वैधता 14 फरवरी 2025 को ही समाप्त हो चुकी थी। पुष्टि: व्हाट्सएप डेटा के माध्यम से यह पुष्टि हुई कि दिखाया गया पास पूरी तरह से फर्जी था।
कोडिंग, ChatGPT और AI का उपयोग
डोम्बिवली स्टेशन पर उतारकर पूछताछ करने पर महिला ने कबूल किया कि फर्जी पास उसके इंजीनियर पति ने बनाया था। बाद में गिरफ्तार हुए ओमकार शर्मा ने स्वीकार किया कि उसने कोडिंग, ChatGPT और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करके यह फर्जी पास तैयार किया था।
जाँच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है:
ओमकार शर्मा सिर्फ अपनी पत्नी के लिए ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों के लिए भी फर्जी AC लोकल पास बना रहा था। उसके मोबाइल से 10 फर्जी पास बरामद हुए हैं, जो अलग-अलग लोगों को भेजे गए थे। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह फर्जीवाड़ा कब से चल रहा था और इसमें कितने अन्य यात्री शामिल हैं।
