अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान भारत-अमेरिका संबंधों में सकारात्मक बदलाव की दिशा में संकेत दे रहे हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को ‘महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा साझेदार’ बताते हुए ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने बेहतरीन संबंधों पर जोर दिया। सोमवार को भारत में नए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हमारे रिश्ते शानदार हैं और सर्जियो ने इन संबंधों को और मजबूत किया है क्योंकि वे पहले से ही प्रधानमंत्री के साथ दोस्ताना संबंध बना चुके हैं। ट्रंप के इस बयान को दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक निकटता और भरोसे का प्रतीक माना जा रहा है।
भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक भूमिका पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग न केवल देश की आर्थिक शक्ति को मजबूती दे रहा है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इसे एक केंद्रीय आर्थिक और सुरक्षा भागीदार के रूप में स्थापित कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि भारत वाकई एक शानदार देश है जिसकी आबादी 1.5 अरब है, जबकि चीन की 1.4 अरब है। ये दोनों राष्ट्र वैश्विक आर्थिक संतुलन में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सर्जियो गोर राजदूत के रूप में हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को और सशक्त बनाएंगे। वे प्रमुख अमेरिकी उद्योगों और प्रौद्योगिकियों में निवेश को बढ़ावा देंगे, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात में वृद्धि करेंगे और सुरक्षा सहयोग का दायरा बढ़ाएंगे।
सर्जियो गोर की नियुक्ति को लेकर ट्रंप ने भरोसा जताते हुए कहा कि जब उन्हें पता चला कि सर्जियो भारत के राजदूत बनने वाले हैं, तो उन्होंने बार-बार फोन कर कहा कि चलो इस व्यक्ति को जानते हैं। अब जो दिख रहा है, वह उन्हें बेहद पसंद आ रहा है। उन्होंने कहा कि सर्जियो भारत-अमेरिका के बीच विश्वास और साझेदारी को मजबूत करेंगे और निवेश के नए अवसरों को आगे बढ़ाएंगे।
ट्रंप ने समारोह में यह भी कहा कि अमेरिका और भारत एक ‘निष्पक्ष व्यापार समझौते’ के बेहद करीब हैं। उन्होंने दावा किया कि हम भारत के साथ ऐसा समझौता कर रहे हैं जो पुराने सौदों से बिल्कुल अलग होगा। पहले के व्यापार समझौते बेहद असमान थे, लेकिन अब हमें एक न्यायपूर्ण और संतुलित सौदा मिल रहा है। ट्रंप ने हंसी-ठिठोली के अंदाज में कहा कि शायद अभी भारत हमसे उतना प्यार नहीं करता, लेकिन जैसे ही यह नया सौदा होगा, वे फिर से हमसे प्यार करने लगेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारी बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है और दोनों देश एक मजबूत व्यापारिक साझेदारी के करीब हैं।
ट्रंप ने टैरिफ के मुद्दे पर भी स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा कि वर्तमान में भारत पर ऊंचे शुल्क लगाए जाने का मुख्य कारण रूसी तेल का आयात था, लेकिन अब भारत ने रूसी तेल खरीद में कमी की है, जिससे इन शुल्कों में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि हां, हम टैरिफ घटाने जा रहे हैं और यह जल्द ही होगा।
ट्रंप के इस भाषण को भारत-अमेरिका संबंधों में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन भारत को केवल एक रणनीतिक सहयोगी नहीं बल्कि समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक साझेदार के रूप में देखता है। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्रों में गहरा सहयोग देखने को मिला है। पहले जहां व्यापारिक मतभेद और शुल्क विवाद रिश्तों में तनाव का कारण थे, वहीं अब यह स्पष्ट है कि दोनों देश व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए ‘विन-विन’ साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।
